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शनिवार, 19 जुलाई 2014

STORY OF A REAL HERO

टॉपिक : 44
भविष्य ऐसे लोगो का है।

अभी तक में मेरी सारी पोस्टो में सबसे ज्यादा "टॉपिक 39 आप टूटना मत मैंने भी ये दिन देखे है" पढ़ी गयी है  . पोस्ट पढ़ कर एक साथी ने कहा अपने लगता है मेरी कहानी लिख दी। मै उनके ऊपर पोस्ट लिखने के लिए पहले से ही मन बना चुका था।  मेरे साथ चैट में उन्होंने इच्छा व्यक्त कि लिखने से पहले एक बार मै उनसे बात कर लू कुछ और भी है उनके जीवन में बताने के लिए। मेरा ज्यादातर लेखन अपने नजरिये पर आधारित रहा है यानि जो मैंने देखा और महसूस किया वही लिख दिया।पेज पर किसी का नाम लिखने से परहेज है सो उनका नाम भी नही लिख रहा हूँ  वैसे भी किसी कहा भी है कि नाम में क्या रखा है ?

पहले वो जो मैंने उनमे अलग देखा फिर उनकी सुनायी कहानी।मुझे सबसे ज्यादा हैरानी इस बात पर होती है कि वो एक साथ आईएएस , PCS और  STAFF SELECTION COMMISSION की तैयारी करते है और केंद्रीय सेवा में ८ से १०  घंटे नौकरी कर रहे है। अकेले रहते है मेरा मतलब वो घर में भी अपने सारे काम खुद ही करते है।

जब उनसे मुलाकात हुई थी तब वो STAFF SELECTION COMMISSION में अच्छी रैंक से चयनित हो चुके थे। अगले बरस उन्होंने तीनो जगह फिर से TRY किया। STAFF SELECTION COMMISSION में उन्हें होम कैडर मिल गया। PCS का इंटरव्यू दिया था और आईएएस में मैन्स लिखा था। अगर आप को  याद हो मैंने उनका जिक्र पहले भी पुरानी पोस्ट में कर चूका हूँ ये वही साथी है जिनके २०१३ में आईएएस की PRE  परीक्षा में 279 आये थे। सामान्य अध्ययन में 113   और सीसैट में 166 अंक थे।

 गम्भीर प्रतियोगी इन अंको को समझ सकते है कि किस लेवल का स्कोर है ? और सबसे बड़ी बात यह है कि PRE के पहले एक दिन की छुट्टी नही ली थी। कभी कभी हैरान होता हूँ क्या जन्मजात प्रतिभा इसे ही कहते है ? मुखर्जी नगर दिल्ली में कितने ही साथी रात दिन , तरह तरह  की टेस्ट सीरीज , क्लास नोट्स पढ़कर भी ऐसा स्कोर करने के लिए तरस जाते है।   हाल ही में उनसे मेरी बातचीत हुई थी मैंने पूछा ये सब कैसे मैनेज कर लेते हो ? फिर उनकी वही मुस्कान भरा जबाब सर , ऐसे है। 

आज वो एक अच्छी पोस्ट पर है। निकट भविष्य में आईएएस या PCS में उनका चयन होना निश्चित है। पर पुराने दिन उनके ऐसे न थे। बचपन में दिया (दीपक  जो मिट्टी के तेल से जलता है ) जला कर पढ़ा करते थे। गांव से जुड़े है। कई बार पढ़ते पढ़ते उनके बाल दिए में जल जाते थे।  हमेशा की तरह इस नायक की आर्थिक दशा बहुत खराब थी। घर में थोड़ी सी जमीन थी जिसे पहले गिरवी रखी गयी जो कुछ समय बाद कर्ज न चूका पाने की वजह से बिक गयी।

जैसा कि मैंने अपनी पोस्ट में लिखा था रिश्तेदार लोग ऐसे होनहार लोगो की मदद करने से साफ इंकार कर देते है। जब वो 10TH में कॉलेज टॉप किया तो उनकी माँ बहुत हसरत से अपने भाई से मदद मागने गयी तो मामा ने सख्त लहजे में जबाब दिया अगर आपके पास दम है तो आगे पढ़ाओ कब तक उधार ले कर पढ़ाओगी। इसे काम धंधे से लगाओ चार पैसे कमायेगा तुम्हे भी आराम मिलेगी। पर माँ तो माँ होती है वो भला अपने होनहार  बेटे को काम धंधे में लगा कर क्यू भविष्य बर्बाद करती।


उनकी कहानी बहुत लम्बी और प्रेरणा से भरी हुई है पर हर बात को लिखने के लिए न मेरे पास समय है और न आप के पास पढ़ने का वक़्त। संक्षेप में आगे बढ़ते है। अगर आप ईमानदारी से मेहनत कर रहे है तो रास्ते खुलते जाते है। वो अपने पढ़ाई के साथ साथ ट्युसन भी पढ़ाने लगे। उनके जुझारूपन को देख कर कुछ नेक दिल लोग सामने आये। एक दोस्त के भाई नौ सेना में थे उन्होंने अपना एटीएम कार्ड उन्हें सौप दिया। इस बीच बहुत उतार , चढ़ाव उनकी जिंदगी में आये। एक बार पैसे के लिए उनकी बहन ने अपनी झुमकी तक बेच दी थी। धीरे धीरे उनका भी समय बदलने लगा। वहीं पुराने मामा आज अपने भांजे को लेकर अपने समाज में डींगे हाकते है। 

अपने हमउम्र के लिए "सर" का सम्बोधन मुझसे नही निकल पाता है। लेकिन "सर" मेरी नजर में   आप ही वास्तविक नायक है (YOU ARE REAL HERO ) . जरूरी नही आप भविष्य में आईएएस ही बने पर भविष्य आपका है। आप की  कहानी बहुत से संघर्षरत युवा प्रतियोगी मित्रो को हमेशा जोश देती रहेगी।अब जब की आपकी कहानी यहाँ पर पोस्ट होने जा रही  है  बहुत से लोग जानने के इच्छुक है कि

" आप ये सब कैसे मैनेज कर लेते है ? "

( मित्रो अगर वो अपनी पढ़ाई का राज मुझसे शेयर करते है या नही भी करते है तो भी मै भविष्य में उनके मैनजमेंट को जरूर शेयर करुगा अपने नजरिये से। मै आप से अपनी पोस्ट शेयर करने को कभी नही कहता इस डर से की पेज पर गैरजरूरी भीड़ न जमा हो जाये पर इस पोस्ट के लिए दिल कर रहा है कि जितने लोगो तक ये कहानी पहुंच सके उतना ही बेहतर होगा।  उगते हुए सूरज को तो सभी पूजते है पर कभी कभी आने वाले समय के नायक को समय से पहले महत्व दिया जाना चाहिए। पोस्ट उनसे हुई बातचीत पर आधारित है।  ) 

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