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रविवार, 27 सितंबर 2015

MISSION EKLAVYA


परहित सरिस धर्म नही भाई ....


तुलसी जी की इन पक्तियों का आशय यह है कि दुसरो का हित ही सबसे बड़ा धर्म है ..
HINDI  माध्यम से देने वाले मेधावी अक्सर ECONOMIC PROBLEM से दो चार होते है ...आप लोगो के लिए एक अच्छी खबर  है .....अगर आप गंभीरता से CIVIL SERVICE की तैयारी कर रहे है और आर्थिक तंगी से जूझ रहे है तो आपके लिए "मिशन एकलव्य" योजना दृष्टि COACHING की ओर से बढिया OPTION है , इसमें वह सबकुछ जिसकी सभी मेधावी को जरूरत होती है .. .. .मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत अच्छा लगा जान कर की कोई मदद के लिए सामने आया ... DELHI में कोचिंग से लोगो ने करोड़ो रूपये कमाए ..पर शायद ही किसी ने कभी किसी जरूरतमंद की HELP की हो .. 

आप कोशिस करे कि ज्यादा से ज्यादा लोगो तक इसे पहुचाये ..ध्यान रखियेगा कि समाज के हाशिये पर खड़े YOUTH को इसका लाभ मिल सके . मैंने ज्यादा DETAIL में नही पढ़ा है ..कोई अगर इसमें आवेदन कर रहा है या कर चूका है तो कृपया अपने विचार SHARE करे ..


ज्यादा जानकारी के लिए आप लिंक पर क्लिक करे ..
http://missioneklavya.com/

POSITION OF HINDI MEDIUM IN CIVIL SERVICES

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